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श्री दुर्गा स्तोत्रम्

माँ दुर्गा स्तोत्र एक अत्यंत प्रसिद्ध और शक्तिशाली स्तोत्र है , जिसका पाठ करने से भय, रोग, दुःख और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है। यह स्तोत्र देवी महात्म्य (दुर्गा सप्तशती) और अन्य शास्त्रों से लिया गया है।

श्री दुर्गा स्तोत्रम्

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।
नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणताः स्म ताम्॥ १॥

रौद्रायै नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः।
ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै सततं नमः॥ २॥

कल्याण्यै प्रणतां वृद्ध्यै सिद्ध्यै कुर्मो नमो नमः।
नैरृत्यै भूभृतां लक्ष्म्यै शर्वाण्यै ते नमो नमः॥ ३॥

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः।
स्वस्थै स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि॥
दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या।
सर्वोपकारकरणाय सदा दृता च॥ ४॥

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते॥ ५॥

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणी नमोऽस्तुते॥ ६॥

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते॥ ७॥

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